हाथ में किताब,
बात में किताब,
सोच में किताब
हर समय मौजूद है किताब
कभी हमसे बतियाती है,
कभी हमसे लडती है,
कभी हमसे लडने को कहती है ।
कभी यू हीं चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है।
किताबों में इस दूनिया की हर हकीकत है।
अनदेखे अनजाने सुख अौर दुःख का ब्योरा है।
इतिहस है।
भूगोल है।
ज्ञान है।
विज्ञान है ।
अौर सबसे बढकर हमें बदलने की ताकत है।
किताबें बिना कुछ बोले, चुपचाप आसपास की जिंदगी से हमारा रिश्ता बदल देती है। किताब पढने के बाद हम वैसे नहीं रहते , जैसा कि किताब पढने से पहले थे। कुछ कहीं न कहीं बदल जाता है। किताबें हमें एक नये तरह का आलोक देती हैं, आनंद देती हैं। किताबों की सबसे बडी ताकत यही है कि यह हमारे सामने दूनिया के हज़ारों रंग लेकर आती हैं। ये हमारी जिंदगी में कई जिंदगी के रंग भरती हैं। हमें जीवन के हर पक्ष से मुखातिब कराती है। किताबों ने हीं हमें इंसान बनाया,परखना सिखाया,दुनिया दिखलायी। किताबों की दूनिया यह एक ऐसी भरी-पूरी दूनिया है, जिसमें दाखिल होकर हम बहुत कुछ सीखते अौर समझते हैं। किताबें हमसे कहती हैं कि मुझसे जो कुछ भी हसिल करना चाहते हो ले लो. मैं तुमसे कुछ नहीं मांगूँगी।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.