यदि तेरी पुकार सुन कोई न आए तब चल अकेला रे
तब चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला रे।
यदि कोई न करे बातें, ओरे रे ओ अभागे, कोई न करे बातें
यदि सभी रहे मुँह फेरे सभी करे भय
तब प्राण खोल कर
ओ तू मुँह से अपनी मन की बातें कह अकेला रे।
यदि सभी लौट जाएँ, ओरे रे ओ अभागे, यदि सभी लौट जाएँ
यदि गहन पथ पर चलते वक़्त कोई मुड़ कर न देखे
तब पथ के काँटे से
ओ तू रक्त सने चरण तले अकेला रौंद रे।
यदि रोशनी न दिखाए, ओ रे ओ अभागे,
यदि आँधी-तूफ़ान में अंधकार रात को घर के द्वार करे बंद
तब बिजली की तरह
अपने सीने के पिंजर जलाकर अकेला चल रे।
यदि तेरी पुकार सुन कोई न आए तब चल अकेला रे।
बांग्ला से अनुवाद
- रवींद्रनाथ टैगोर
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