A Slumber did my Spirit Seal
I had no human fears:
She seemed a thing that could not feel
The touch of earthly years.
No motion has she now, no force;
She neither hears nor sees;
She neither hears nor sees;
Rolled round in earth's diurnal course,
With rocks, and stones, and trees.
By William Wordsworth
महज़ आठ पंक्तियों की कविता है : 'अ स्लम्बर डिड माय स्पिरिट सील'। ये आठ पंक्तियाँ नहीं आँसू की टप है। हम क्यों दुखी होते हैं, जब लोग मर जाते हैं ? क्योंकि अब हम दोबारा उन्हें देख नहीं सकेंगे इसीलिए। क्या हम किसी से घृणा कर सकते हैं,जब यह जान लें कि एक दिन हर कोई इस दोबारा न देखे जाने की ज़द में चला जाएगा ?
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